Sodium ion battery price in India | आ गई लिथियम से 100 गुना सस्ती सोडियम बैटरियां सस्ता होगा सोलर और इलेक्ट्रिक वाहन
वर्तमान समय में दिन पर दिन सोलर एनर्जी का प्रयोग खूब बढ़ता जा रहा है. लेकिन सोलर एनर्जी के साथ एक समस्या यह है कि दिन के दौरान तो इससे एनर्जी लगातार मिलती रहती है, लेकिन रात में अगर आपको बिजली चाहिए तो उसके लिए आपको बड़ा बैटरी बैंक लगाना पड़ता है. बैटरी बैंक के लिए आपको काफी अधिक खर्च करना पड़ता है क्योंकि चाहे पारंपरिक लेड एसिड बैटरी हो या फिर आधुनिक लिथियम आयन बैटरी दोनों ही बैटरियां काफी महंगी पड़ती है.
यही कारण है कि देश में ज्यादातर लोग बिना बैटरी वाले सोलर सिस्टम ही लगवाना पसंद करते हैं. लेकिन इन सोलर सिस्टम के साथ समस्या होती है कि जैसे ही बिजली जाती है या फिर सूर्य की धूप समाप्त होती है वैसे ही यह सिस्टम काम करना बंद कर देते हैं.
Sodium ion battery in India | आने वाली है सोडियम बैटरियां
बिजली के स्टोरेज को लेकर यह समस्या भारत ही नहीं पूरी दुनिया में है, लेकिन अब इसका समाधान जल्द ही आने वाला है. दरअसल बहुत जल्द ही बाजार में लिथियम से 100 गुना सस्ती सोडियम बैटरियां आने वाली है. इन बैटरी में आसानी से सोलर की एनर्जी को एकत्रित किया जा सकता है जिससे कि आपको दिन हो या फिर रात लगातार सूर्य से ऊर्जा मिलती रहेगी.
क्यों इतनी सस्ती है सोडियम बैटरियां | सोडियम बैटरी की कीमत क्या है
जैसा कि आप जानते ही हैं कि भारत सहित दुनिया के ज्यादातर देशों के पास विशाल समुद्री क्षेत्र है, और जहां भी समुद्र होता है वहां नमक यानी सोडियम की बहुतायत होती है. लिथियम की कीमत जहां बहुत अधिक है वही सोडियम बेहद सस्ता है. हर जगह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने के कारण सोडियम से बनी बैटरियां बेहद सस्ती होने वाली है.
लिथियम से कितना सस्ती है सोडियम बैटरियां
दोस्तों, लिथियम बैटरी का प्रयोग इस समय चाहे इलेक्ट्रिक वाहन हो या फिर आपका लैपटॉप या स्मार्टफोन सभी में होता है, इसके साथ ही वर्तमान में आधुनिक सोलर सिस्टम में भी लिथियम बैट्रींयों का ही प्रयोग किया जाता है. क्योंकि यह बैटरी हल्की होती हैं साथ ही कम जगह में अधिक बिजली स्टोर कर सकती हैं, इनकी लाइफ भी बहुत अधिक होती है. यही कारण है कि इस समय लिथियम बैटरी का प्रयोग बढ़ रहा है.
लेकिन जैसे-जैसे लिथियम बैटरी का प्रयोग बढ़ रहा है इसकी कीमत भी बढ़ती जा रही है. वर्ष 2012 के दौरान लिथियम की कीमत 4500 डॉलर प्रति टन थी जो कि वर्तमान में 80000 डॉलर प्रतिटन से भी अधिक पहुंच चुकी है.
जबकि सोडियम की कीमत महज 800 डॉलर प्रति टन है, जाहिर सी बात है सोडियम लिथियम से 100 गुना तक सस्ता है. इसके साथ ही भारत में सोडियम के विशाल भंडार मौजूद है.
सस्ता होगा सोलर सिस्टम और इलेक्ट्रिक कारें व इलेक्ट्रिक टू व्हीलर
जैसा कि आप जानते ही हैं कि इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर सरकार की ओर से इस समय काफी जागरूकता फैलाई जा रही है, साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वाले लोगों को सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है. इसके बावजूद इलेक्ट्रिक वाहन अभी लोगों की पहुंच में नहीं है दरअसल इसके पीछे का कारण यह है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत ज्यादा होती है जिसकी वजह से आम लोग इसे नहीं खरीद पा रहे.
इलेक्ट्रिक वाहन की कुल कीमत में लगभग आधा हिस्सा बैटरियों का होता है ऐसे में यदि सोडियम बैटरियों का प्रयोग वाहनों में होता है तो जाहिर सी बात है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत भी काफी कम हो जाएगी जिससे कि आम लोग भी इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीद सकेंगे.
सोडियम बैटरी में कितनी एनर्जी स्टोर हो सकेगी
एनर्जी स्टोरेज की बात करें तो सोडियम बैटरी लिथियम की तुलना में काफी कम एनर्जी स्टोर करती हैं, लेकिन लेड एसिड बैटरी से तुलना करें तो यह काफी बेहतर होती है. रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा खरीदी गई कंपनी फैरेडियन का कहना है कि उसकी सोडियम बैटरी प्रति किलो 160 वॉट ओवर की एनर्जी को स्टोर कर सकती हैं.
यह क्षमता लिथियम आयन फास्फेट तकनीक वाली लिथियम बैट्रींयों के लगभग बराबर है, कंपनी का दावा है कि वह इस बात पर शोध कर रही है कि सोडियम बैटरी को भी लिथियम की तरह ही और अधिक उन्नत बनाया जा सके.
क्या लिथियम बैटरी का स्थान ले पाएंगे सोडियम बैटरियां
आप सोच रहे होंगे कि अगर यह तकनीक इतनी सस्ती है, तो फिर अभी तक इसका इस्तेमाल शुरू क्यों नहीं हुआ. दरअसल वर्तमान में सोडियम बैटरियों की जो तकनीक डेवलप हुई है उसके साथ एक समस्या यह है कि सोडियम की बैटरियां अपने ऊर्जा घनत्व की समस्या के चलते बहुत अधिक जगह घेरतीं हैं यानी इन बैटरियों का आकार बहुत बड़ा होता है जिसकी वजह से इन्हें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण या फिर इलेक्ट्रॉनिक वाहनों में प्रयोग करना थोड़ा सा मुश्किल होता है.
कहां हो रहा है सोडियम बैटरी का प्रयोग
वर्तमान में बड़े सोलर पावर प्लांट में एनर्जी स्टोरेज के लिए सोडियम बैटरियों का प्रयोग किया जा रहा है कई कंपनियां ऐसी हैं जो बड़े-बड़े सोलर पावर प्लांट में बहुत अधिक क्षमता की सोडियम बैटरियों का प्रयोग कर रही है.
जैसा कि आप जानते ही हैं की बड़े सोलर प्लांट में जगह को लेकर कोई समस्या नहीं होती, ऐसे में वहां पर विशाल आकार वाली सोडियम बैटरी को आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है.
भारत में सोडियम बैटरी कौन सी कंपनी बनाती है | Sodium ion battery manufacturers in India
भारत में सोडियम बैटरियों के निर्माण के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से कदम बढ़ाया गया है रिलायंस के द्वारा सोडियम बैटरी का रिसर्च करने वाली प्रमुख कंपनी फैरेडियन को खरीदा गया है.
इसी के साथ कोयंबटूर की कंपनी की ओर से कोयंबतूर में 15000 वर्ग फीट एरिया में अगले 4 महीने में सोडियम आयन बैटरी बनाने वाली एक फैक्ट्री का निर्माण पूरा होने की संभावना है. कंपनी सिंगापुर की सोडियम एनर्जी के साथ मिलकर भारत में सोडियम बैटरियों का उत्पादन करेगी.
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