सोलर लगवाने के लिए अब केंद्र सरकार की ओर से एक करोड़ 5 लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जाएगी, इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से भी 45 लख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. अपनी खाली पड़ी जमीन में सोलर पावर प्लांट लगाकर हर महीने आप सरकार को बिजली बेचकर लाखों रुपए की कमाई कर सकेंगे. इतना ही नहीं अगर आप खुद सोलर पावर प्लांट नहीं लगाना चाहते और आपके पास जमीन उपलब्ध है तो आप अपनी जमीन को किराए पर देकर भी कमाई कर सकते हैं.
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दोस्तों! जैसा कि आप जानते ही हैं कि इस समय सरकार की ओर से सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए नए-नए प्रयास किये जा रहे हैं. इसी क्रम में ग्रामीण भारत में बड़ी संख्या में अनुपयुक्त पड़ी हुई जमीनों के साथ-साथ किसानों की कृषि योग्य भूमि से भी डबल कमाई की रणनीति सरकार की ओर से तैयार की गई है. ऐसे में किसान न केवल अपने खेतों में फसल पैदा करके पारंपरिक रूप से कमाई जो कर रहे थे वह तो कर ही सकते हैं साथ ही खेतों में सोलर पैनल लगाकर बिजली बेचकर भी कमाई करेंगे.
अपनी जमीन पर सोलर पॉवर प्लांट कैसे लगवाएं
अगर आप भी अपनी जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाकर कमाई करना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ चीजों का ध्यान रखना आवश्यक है, आपकी जमीन बाढ़ ग्रस्त इलाके में नहीं होनी चाहिए साथ ही आपकी जमीन के अधिकतम 5 किलोमीटर के दायरे में विद्युत उपकेंद्र होना चाहिए, इसके साथ ही आपके पास न्यूनतम एक एकड़ जमीन होनी चाहिए.
सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए सरकार भी देगी सहायता
इस योजना के अंतर्गत सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए सरकार की ओर से प्रति मेगावाट एक करोड़ 5 लाख रुपए तथा राज्य सरकार की ओर से प्रति मेगावाट 45 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. ज्ञातव्य हो कि प्रति मेगा वाट सोलर पावर प्लांट की लागत इस समय दो से तीन करोड़ के बीच में पड़ती है. ऐसे में राज्य सरकार और केंद्र सरकार का अनुदान प्राप्त होने के बाद बाकी की रकम का इंतजाम आप बैंक फाइनेंस के माध्यम से भी बड़ी ही आसानी से कर सकते हैं.
सोलर की बिजली कैसे बिकेगी | सोलर बिजली सरकार कैसे खरीदेगी
किसने की जमीनों पर लगने वाले इन सोलर पावर प्लांट से बनने वाली बिजली को खरीदने के लिए बिजली कंपनियों की ओर से 25 साल तक का एग्रीमेंट किया जाएगा, यानी इन सोलर पावर प्लांट से जो भी बिजली बनेगी उसे बिजली कंपनियों की ओर से अगले 25 सालों तक खरीदा जाएगा.
4 से 5 साल में होगी लागत की पूरी वसूली
सोलर पावर प्लांट से बनने वाली बिजली को बेचकर पावर प्लांट में लागत के रूप में लगाई गई कुल रकम महज 4 से 5 साल में निकल आती है इसके बाद अगले 20 साल तक कमाई ही कमाई है.
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव हंस ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के माध्यम से न केवल किसान सशक्त होंगे बल्कि प्रदेश को भी हरित ऊर्जा का फायदा मिलेगा. इसके लिए राज्य के सभी 843 विद्युत उपकेंद्रों के अंतर्गत सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए निविदा जारी कर दी गई है.
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