पर्यावरण को फायदा नहीं नुकसान पहुंचा रहा है सोलर, सोलर कम्पनियों के खिलाफ लामबंद हुए लोग
सोलर एनर्जी को ग्रीन एनर्जी कहा जाता है, दरअसल सोलर से बनने वाली बिजली बिना किसी प्रदूषण के पैदा होती है, इसलिए सरकार की ओर से भी सोलर को दिन पर दिन प्रोत्साहन दिया जा रहा है इतना ही नहीं सोलर लगाने वाले लोगों को सरकार की ओर से सब्सिडी भी प्रदान की जाती है. ऐसे में यदि आपसे कहा जाए कि सोलर की वजह से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है तो आप ही नहीं शायद कोई भी भरोसा ना करें लेकिन यह 100 फ़ीसदी सच है.
सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की होड़
राजस्थान के बीकानेर जिले में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की होड़ लगी हुई है सोलर कंपनियों की ओर से सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की अनदेखी करते हुए न केवल जबरदस्त तरीके से पेड़ों की कटाई हो रही है, वरन रेगिस्तानी क्षेत्र में पूजनीय माने जाने वाले खेजड़ी के पेड़ों को भी जमकर कटवाया जा रहा है. कंपनियों की इस मनमानी से पूरे क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र गड़बड़ा रहा है.
सोलर कंपनियां पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही
ज्ञातव्य हो कि खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र में कई बड़ी सोलर कंपनियों की ओर से सोलर पावर प्लांट लगाए जा रहे हैं. इन कंपनियों के द्वारा सोलर प्लांट लगाने के लिए बड़ी तादात में पेड़ों का कटान हो रहा है. बीकानेर की समाज सेवी संस्थाओं की ओर से केंद्र एवं राज्य सरकार को पत्र लेकर इन कंपनियों के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा गया है कि यह कंपनियां पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है. इसके साथ ही इन कंपनियों की कारगुजारी से सरकार को भी करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है.
सामाजिक संस्थाओं का दावा है कि सोलर प्लांट कंपनियों ने कहा था कि जब वह सोलर प्लांट लगाएगी तो सोलर प्लांट के आसपास के क्षेत्र में पौधारोपण किया जाएगा. एक पेड़ को काटने के बदले वह दो पेड़ लगाएंगे लेकिन कंपनियों की ओर से पौधरोपण को लेकर किए गए वादे को नहीं निभाया गया. सोलर प्लांट कंपनियों की ओर से प्लांट के अंदर कुछ ही खेजड़ी के वृक्ष छोड़ दिए गए हैं ताकि वह यह दिखा सके कि उन्होंने सोलर के लिए पेड़ों को नहीं काटा है लेकिन यह सिर्फ एक दिखावा है.
गांव का माहौल हो रहा खराब | ग्रामीण महिलाओं से हो रही छेड़-छाड़
ग्रामीणों का आरोप है कि सोलर कंपनियों की ओर से अपने सोलर प्लांट में बड़ी तादात में दूसरे प्रदेशों के लोगों को काम पर लगाया गया है. यह लोग जगह-जगह किराए पर मकान लेकर रह रहे हैं और इन लोगों ने यहां पर मांस मदिरा की पार्टियों का आयोजन करना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं अक्सर ग्रामीण महिलाओं लड़किओं से छेड़खानी की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं ऐसी एक घटना के कारण पिछले दिनों ग्रामीण और सोलर कंपनी के कर्मचारियों के बीच ज़बरदस्त भिड़ंत हो गई थी.
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि उन्हें अभी इस तरह की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है अगर ग्रामीणों की ओर से सोलर कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जाती है तो वह जांच करके कार्रवाई करेंगे.
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