आजकल लोग अपने घरों व व्यायवसायिक प्रतिष्ठानों में सोलर पैनल खूब लगवा रहे हैं, यही नहीं अब तो आटा चक्की, राइस मिल, ऑयल मिल, कोल्ड स्टोरेज आदि में भी सोलर का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। दरअसल अब लोगों को सोलर का फायदा समझ में आ रहा है, इसमें एक बार की लागत के बाद कोई रनिंग काॅस्ट नहीं ऐसे में पूरी लागत कुछ सालों में ही वसूल हो जाती है, और उसके बाद फायदा ही फायदा है। 

क्या बादल होते ही सोलर बिजली बनाना बंद कर देता है

अभी भी आम जनता में सोलर के बारे में जानकारी का अभाव | solar panel ke bare mein jankari

सोलर का चलन इतना बढ़ने, सोलर के बारे में प्रचार प्रसार के बाबजूद अभी भी अधिकतर लोगों में सोलर के बारे में जानकारी का अभाव है। कई लोगों का मानना है कि सोलर से हैवी लोड नहीं चलाया जा सकता, सोलर पैनल तो सिर्फ लाइट, पंखे जैसे हल्के लोड को ही चला सकता है।

बादल होने पर और कोहरे में तो सोलर बेकार है

यह धारणा भी कई लोगों में होती है कि सोलर सिर्फ गर्मी के दिनों में ही काम करता है, बादल वाले दिनों और सर्दियों में तो सोलर काम ही नहीं करेगा। परन्तु ऐसा नहीं है बादल और कोहरे के दिनों में भी सोलर काम करता है हालांकि उसकी ऊर्जा उत्पादन की क्षमता कम अवश्य हो जाती है। लेकिन यह भी सच है कि कोहरे के दिनों अथवा बारिश के समय ऊर्जा की खपत भी उसी अनुपात में कम हो जाती है। 

बादल में काम करने वाले सोलर पैनल | मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल

कोहरे और बादलों वाले समय में भी सूर्य से अच्छी ऊर्जा प्राप्त करने के लिये विज्ञान निरंतर कार्य कर रहा है, इसी क्रम में अब मोनो सोलर पैनलों का चलन तेजी से बढ़ रहा है, क्यों कि मोनो सोलर पैनल पाॅली सोलर पैनलों की तुलना में बादलों वाले दिनों में भी काफी अच्छी परफारर्मेंस देने में सक्षम होते हैं। इन पैनलों की एफिशिएंशी काफी अच्छी होती है। यही कारण है कि आटा चक्की, राइस मिल, कोल्ड स्टोरेज जैसे हैवी लोड वाले स्थानों पर अधिकतर मोनो सोलर पैनलों का ही प्रयोग किया जाता है। 

क्या है मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल | सबसे अच्छा सोलर पैनल कौन सा है

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल एकल सिलिकाॅन सेल के सबसे शुद्ध रूप से बनाये जाते हैं। यह पाॅली पैनलों की तुलना में प्रति वर्ग फिट अधिक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। इसके साथ ही यह पाॅली पैनलों की तुलना में जगह भी कम घेरते हैं। उदाहरण के लिये 4 फुट चैड़ाई और 7 फिट लम्बाई का पाॅली सोलर पैनल 335 वाॅट की ऊर्जा उत्पन्न करता हैं। वहीं इतनी ही लम्बाई और चैड़ाई वाला मोनो सोलर पैनल 450 वाॅट तक की ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम होता है। 

मोनो सोलर पैनल का रेट | Monocrystalline Solar Panel price 2022

इतनी सारी खूबियों के कारण मोनो सोलर पैनल पाॅली सोलर पैनल की अपेक्षा लगभग 4 रुपये प्रति वाॅट मंहगा होता है। वर्तमान में ज्यादातर कंपनियों के मोनो सोलर पैनल का रेट 36 रुपये प्रति वाॅट से लेकर 38 रुपये प्रति वाॅट तक है।

सोलर पैनल कितने प्रकार के होते हैं?

सोलर पैनल कई प्रकार के होते हैं मोनोक्रिस्टलाइन (Monocrystalline), पॉलीक्रिस्टलाइन (polycrystalline)  थिन -फिल्म पैनल (thin-film solar panels) आदि. 

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